विश्वास के साथ प्रार्थना करते रहो!
दूसरा प्रकटन - रात 10:30 बजे
"- मैं चाहती हूँ कि प्रार्थना तुम्हारे दिलों में सब कुछ हो जाए! प्रार्थना उन्हें विनम्रता से भगवान तक पहुँचने, उनकी सेवा करने की सच्ची इच्छा के साथ ले जाए, ताकि वह सभी लोगों के बीच प्यार और जाने जाएं! मैं चाहती हूँ कि प्रार्थना तुममें एक 'ज्वाला' जैसी हो जो रात दिन जलती रहे। मैं तुम्हें ऐसे पात्रों में बदलना चाहती हूँ जिनमें ईश्वर के उपहार और अनुग्रह डाले जा सकें, जहाँ से वे पूरी पृथ्वी पर बह सकें। हर रोज प्रेम के साथ पवित्र माला की प्रार्थना करते रहो! तुम्हारे दिल मेरे पुत्र ने जैसा योजना बनाई है वैसा 'उदाहरण' बनें। मैं तुमको इस तरह ढालना चाहती हूँ कि तुम दिव्य इच्छा के लिए और भी ‘खुले’ और ‘अनुरूप’ बन जाओ।"